- राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची. कांग्रेस की झारखंड इकाई अचानक रेस हो गई है. मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस 18 विधायकों के साथ राहुल गांधी की बैठक हुई. इन दिनों रांची से दिल्ली और दिल्ली से रांची तक कांग्रेस के नेताओं का आना-जाना लगा हुआ है. इसका एक कारण पूर्व प्रभारी आरपीएन सिंह का कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाना तो है ही. दूसरी सबसे महत्वपूर्ण वजह कांग्रेस के कुछ विधायकों का पाला बदलने की आशंका भी है. यही वजह है कि रांची के नेता थोड़े ज्यादा सक्रिय हैं और वे स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं.
इसी क्रम में मंगलवार को झारखंड के 18 विधायकों को दिल्ली बुलाया गया था. दिल्ली में राहुल गांधी ने पार्टी के 18 विधायकों के साथ बैठक की. इस बैठक में तय किया गया कि 17 से 19 फरवरी तक तीन दिवसीय चिंतन शिविर लगाया जाएगा. शिविर के वेन्यू को लेकर अभी तय नहीं किया गया है. पर चर्चा है कि इस शिविर का आयोजन नेतरहाट में हो सकता है. इस शिविर में कांग्रेस के प्रमुख नेता, विधायक और सांसद शामिल होंगे.
राहुल गांधी के साथ हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में संगठन को सर्वोपरि बताते हुए संगठन के रास्ते अपनी बात रखने का मंत्र सभी विधायकों को दिया गया है. जनता से जुड़े सवालों का जवाब पार्टी के विधायक अलग-अलग बोलने के बजाय एकजुट होकर रखने का काम करेंगे. यानी कांग्रेस विधायकों को अनर्गल बयानबाजी से बाज आने की कड़ी नसीहत दी गई है. बैठक के दौरान विस्थापन का मुद्दा, 27 प्रतिशत OBC आरक्षण, सरना धर्म कोड सहित कई मुद्दों पर विधायकों ने अपनी बात रखी. चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप अब तक राज्य सरकार कितना कुछ कर पाई, इसको भी बताने का काम विधायक और मंत्रियों ने किया. सरकार के अंदर कांग्रेस विधायकों की नहीं सुने जाने को लेकर भी पार्टी विधायकों का दर्द राहुल गांधी के समक्ष छलका